स्कूल में दोस्ती एक भूत से | बच्चों के लिए उपयुक्त डरावनी कहानी
स्कूल में दोस्ती एक भूत से | बच्चों के लिए उपयुक्त डरावनी कहानी
मेरा नाम रोहन है आपकी तरह ही मेरे बहुत से दोस्त है लेकिन मेरे जीवन मे मेरा एक दोस्त ऐसा भी रहा है जो खुद एक भूत था मुझे पता है अभी आपको यह सब झुठ लग रहा है लेकिन दोस्तो मे कोई झुठ नही बोल रहा, मेरे साथ जो घटित हुआ है वो अगर आप सुनोगे तो आपके पैर और हात दोनों कापने लगेंगे |
तब मे कुछ 17 साल का था, पापा जी का नाशिक मे तबादला हुआ था इसलिए हम नाशिक आगये, पापा ने मेरा दाखला एक नये स्कूल मे किया तब मे 10th क्लास मे पढ़ता था नया नया स्कूल था नये लोग नई टीचर ये सब देख मे नर्वस था, मे चुप चाप क्लास रूम मे आकर पीछे back bench पर बैठे गया, मेरे बाजु मे एक लड़का बैठा हुआ था, शकल से काफी serious था, उसके चेहरे पर एक ही तरह के हावभाव थे उसकी आँखों के निचे काला पड़ गया था ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने बहुत सताया हो उसको | मैंने उसको नाम पूछा तो वो बस मुझे घूर रहा था मैंने फिर पूछा की क्या नाम है तुम्हारा... | उसने कोई जवाब नही दिया तभी सामने बैठा एक मोटा लड़का मुझे देख कर हसने लगा मैंने उससे पूछा क्या हुआ हास क्यों रहे हो उसने कुछ बताया नही बस हँसता हुआ क्लास के बाहर चला गया.
स्कूल का interval चल रहा था सब बच्चे बाहर चले गए थे क्लास रूम मे बस मे और वो हम दोनों ही थे, तो मैंने भी सोचा बाहर ग्राउंड मे जा कर खेलेंगे मे अपना स्कूल बैग साइड मे रख कर बाहर जा ही रहा था तब...
तब एक बहुत डरावनी सी आवाज मेरे कानों पर पड़ी, ऐसा लग रहा था जैसे कोई गुस्से मे धीमी आवाज मे गर्रा रहा हो, वो आवाज इतनी साफ सुनाई दे रही थी की ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरे कानों के पास आकर बोल रहा है, मैंने झट से पीछे मुड़ कर देखा मेरे सामने वो लड़का खड़ा था, और उसी डरावने तरीके से मुझे घूर्र रहा था आप सोच सकते हो कोई अगर आचानक ऐसे आपके पीछे खड़ा हो कर डरावनी आवाज निकाले और डरावने तरीके से घूरे तो आपकी क्या हालत होगी, एक तो मेरी दादी माँ ने कल रात मुझे एक डरावनी "भूतिया कहानियां" सुनाई थी | उसका डर अभी बाहर आरहा था, फिर भी मैं हिम्मत कर के उस लड़के से पूछा क्या हुआ मेरे दोस्त ऐसे गुर्रा क्यों रहे हो | इतना बोलने के बाद वो अपने सिर को टेडी कर के मुझे देखते हुए... "बोला क्या नाम है"
मैंने बोला चलो कुछ तो बोला मैंने उसको अपना नाम बताया और वहा से बाहर जाने के लिए गड़बड़ करने लगा था क्यों की मैं पहले ही उसको देख डर गया था, तभी फिर से वो कुछ बोला उसने बोला की.... क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे | तब मेरे मुह से हा भी नही निकल रहा था और ना भी नही बोला जा रहा था, दिमाग ने कहा कट लो लेकिन दिल बोल रहा था की दोस्ती कर लो और मैंने दिल की सुनी और उससे दोस्ती कर ली | मैंने उसको बोला ठीक है आज से हम दोनों दोस्त है वादा है, उनसे भी कहा जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूँगा परछाई की तरह वादा है,
उसकी यह बात मुझे थोड़ी अजीब लगी फिर भी मैंने उस बात को साइड कर उससे कहा चलो फिर बाहर ground मे खेलते है | उसने कहा "झूला झूला झूला"
मैंने बोला क्रिकेट खेलते है...
उसने कहा नही
मैंने बोला तो क्या खेलेंगे बताओ..
उसने कहा मुझे झूला झुलना और झूले पर बैठना पसंद है
मुझे लगा यह इसका दिमाग अभी भी बच्चो की तरह है इसलिए ऐसी हरकते कर रहा है क्यों की 10th क्लास मे आकर कोई भी बच्चा झूला तो नही झुलेगा, 10th क्लास का कोई बच्चा झूला झुलना कम क्रिकेट जैसे खेल खेलना ज्यादा पसंद करेगा और मैंने सुना है भूतों को भी झूला झुलना काफी पसंद होता है
मैंने इन सब पर ध्यान नही दिया और नया नया दोस्त बना था इसलिए मैंने उसको हा बोल दिया और हम क्लास रूम के बाहर निकल स्कूल के प्ले ग्राउंड मे आगये | हमारे स्कूल के प्ले ग्राउंड मे दो झूले और एक slider भी था, प्ले ग्राउंड मे काफी सारे बच्चे थे जो क्रिकेट खेल रहे थे कुछ बच्चे फुट बॉल भी खेल रहे थे और मेरा नया दोस्त जो अभी अभी बना हुआ था वो हमारे स्कूल बिल्डिंग के देख रहा था | मैंने उससे पूछा क्या हुआ मेरे दोस्त वहा उपर क्या देख रहे हो
उसने कहा (अपने आप को) उसका यह जवाब मेरी सोच को पूरी तरह से बंद कर चुका था, अब मुझे भी पता चल गया था की इसकी उम्र भले ही मेरे जितनी है लेकिन इसका दिमाग अभी भी छोटे बच्चे की तरह है, फिर मुझे याद आया की वो क्लास रूम मे सामने वाले बेंच का मोटा लड़का हम दोनों को देख हँस क्यों रहा था क्यों | मुझे समझ नही आता कोई ऐसे बच्चो से दोस्ती करना पसंद क्यों नही करता ऐसे बच्चो के साथ बैठने से बाते करने से वो अपने आप को छोटा महसूस करने लगते है | जो की एक दम गलत है, तब मैंने ठान लिया की मै इसका एक अच्छा दोस्त बन कर इसका साथ दूंगा.
वो अभी भी बिल्डिंग की छत् को देख रहा था मैंने उसका हात पकडा और झूले की तरफ ले जाने लगा, उसका वो हात ऐसा लग रहा था जैसे मानो किसी बर्फ को हात मे पकड़ लिया हो, इतने ठंडे हात मैंने किसी के नही देखे, उसके हात इतने ठंडे थे की मुझे महसूस ही नही हो रहा था की मैंने किसी इंसान का हात पकडा है |
जैसे तैसे कर के मे उसको झूले के पास ले आया और वो एक झूले पर बैठे गया दूसरे झूले पर मे बैठे गया और हम दोनों झूला झूलने लग गए | मैंने उससे पूछा और दोस्त कैसा लग रहा है अब तो खुश हो ना
उसने फिर कोई जवाब नही दिया और झूला झूलते झूलते सिर को बाई तरफ कर के एक अजीब मुस्कान लिए फिर से स्कूल के बिल्डिंग की छत को देखने लगा, वो कुछ इस तरह से उस बिल्डिंग की छत को देख रहा था मानो जैसे उसका कोई डरावना कल हो वहा, उसकी कोई यादे जुड़ी हुई हो उस जगह से | और मे यह सोच ही रहा था की अचानक उसने अपने झूले की स्पीड बढ़ा दी और उसकी झूले की स्पीड अभी काफी तेज हो गयी मे डर गया की टीचर ने देख लिया तो इसके साथ मुझे डाटेगे मैंने उसको बोला की रुक जा गिर जायेगा, इतने तेज झूला मत झूल भाई गिरेगा | मैं अपने झूले से उतर कर उसको रोकने की कोशिश मे लगा हुआ था लेकिन वह रुकने का नाम ही नही ले रहा था, स्कूल बिल्डिंग की छत् को देख जोर जोर से हस्ते हुए वह तेजी के साथ झूले को उपर नीचे ले जा रहा था उसकी हँसी कोई नॉर्मल नही थी, बहुत अजीब हँसी थी उसकी जैसे कोई पागल हँस रहा हो धीमी आवाज में अंदर ही अंदर और आँखों को बड़ा कर गुस्सा हँसी एक साथ लिए देख रहा हो.
ये सब देख कर मे समझ गया की यह लड़का कोई नॉर्मल नही है बल्कि पुरा पागल है | तभी हमारे सारे टीचर लोग और मेरे क्लास के और दूसरे क्लास के भी बच्चे सब वहा इखटा हो गए.
मे इसलिए डर गया था की अब टीचर मुझे डाटेगा लेकिन हुआ उल्टा क्यों की सब लोग हौरानी से उस लड़के को झूलता हुआ देखने लगे, अब मेरा डर कम हो गया लेकिन हैरानी होने लगी | हैरानी इस बात की हो रही थी की एक 17 साल का लड़का जो मानसिक रूप से बीमार है वह जोर जोर से झूला झूले जा रहा है गिर वीर जायेगा तो उसको चोट लग सकती है यह पता होने के बाद भी कोई टीचर उसको रोकने की कोशिश नही कर रहा था उपर से एक टीचर मेरे पास आये और मेरा हात पकड़ कर उस लड़के से दूर कर दिया |
तभी उसमे से एक टीचर झूले की तरफ देख जोर से बोल पड़ा | उसके चेहरे पर डर इतना था की मानो वो झूले पर किसी लड़के को नही भूत को देख रहा हो | उसने बोला की अरे यह झूला अपने आप कैसे हिल रहा है | अब यह सुन कर तो मे हिल गया | अब मुझे हैरानी और डर दोनों एक साथ लगने लगा.
वहा पर खड़े सारे लोग डर गए थे | मुझे अभी भी समझ नही आरहा था की झूला झूलते उस बच्चे को देख सब ऐसे क्यों डर रहे है और ऐसा क्यों बोल रहे है, और यह लोग ऐसा क्यों बोल रहे है की झूला अपने आप झूल रहा है. मुझे अच्छे से दिख रहा था उस झूले पर स्कूल का यूनिफॉर्म पहना हुआ 17 साल का एक लड़का बैठा हुआ था | मै हैरान tha था की यह इनको क्यों नही दिख रहा तभी एक बच्चा जोर से च्चीलाया "भूत" "भूत" अब यह सुन कर सब बच्चे डर गए साथ मे अब मेरा भी डर निकल गया तभी एक टीचर ने दूसरे टीचर से कहा की सर कही यह वही तो नही... वह कौन मै सोचने लगा?
दूसरे टीचर के चेहरे पर डर साफ दिखाई दे रहा था उसमे हमारे स्कूल के चपरासी काका भी वहा थे उनका नाम रामु था | रामु काका मन ही मन धीमी आवाज मे कुछ बड़बड़ा ने लगे वो बोल रहे थे की "वह आगया वह वापिस आगया, इंसाफ होगा अब मरेगा वह" वो कुछ इस तरह से बोल रहे थे मुझे हैरानी हुई की वो ऐसा क्यों बोल रहे है और तभी दूसरे टीचर ने उसने कहा रामु काका ये आप क्या बोल रहे है चुप रहिये बच्चे डर जायेंगे और इतने में एक टीचर ने प्रिंसिपल को फोन किया और सारी हकीकत बताई, प्रिंसिपल ने पता नही क्या कहा टीचर ने फोन रखते हुए हम सब बच्चो को घर जाने के लिए कहा और उस दिन स्कूल को झूठी दे दी.
स्कूल को तो झूठी मिल चुकी थी लेकिन मेरे बहुत सारे सवाल उस झूले के पास बिखरे हुए थे. वह कौन था? उसके हात इतने ठंड क्यों लग रहे थे? उसको कोई देख क्यों नही पा रहा था? वह वहा पर था भी या नही? क्या मेरे साथ कोई वेहम हुआ था? क्या सच मे वह कोई इंसान था या कुछ और था? यह कुछ सवाल मेरे दिमाग मे घूम रहे थे, उस रात मे पूरी रात नही सो पाया डर भी लग रहा था साथ मे हैरान भी था और तब मुझे वो मोटे लड़के की याद आयी और समझ आगया की वो मुझे देख कर हँस क्यों रहा था क्यों की मे जिसे देख पा रहा था उसको मेरे अलावा और कोई देख नही पा रहा था इतना समझ आने के बाद मे... स्कूल में दोस्ती एक भूत से - Story To Be Continued.
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